हमें गुस्सा क्यों आता है ?
गुस्से को कैसे काबू करें यह जाननेसे पहले हमें ये जानना पड़ेगा की हमें गुस्सा क्यों आता है ? अगर हम गुस्से की जड़ को जान लेते हैं की गुस्सा आखिर आता क्यों है तोह फिर हम ये भी जान पाएंगे की गुस्से को काबू कैसे करना है।
गुस्सा आने की वजह ?
- सबसे पहला वजह है अपने ईगो पे काबू न रखना।अगर मान लीजिये आप एक एक डॉक्टर हैं या फिर अपने कोई बिसय मैं पि.एच.डी हासिल की है तोह जाहिर सी बात है की आपके नाम के आगे डॉक्टर लगा होगा तोह अब अगर कोई आपको बिना डॉक्टर के बुलडे तोह फिर आपको बुरा लगेगा , और आपको गुस्सा आने का भी चांस है।
- दूसरा एक वजह है की हम जिस भी को मानते हैं बचपन से कोई आकर बोलदे की यह चीज़ जो तुम मान रहे हो या फिर बचपन से जोह सुनते ए हो ये गलत हो तोह फिर आपको गुस्सा आता है।
- तीसरा चीज़ है अगर कोई आप के ऊपर ही सवाल उठादे ये आदमी या फिर यह औरत गलत है लेकिन आपको पता है की अपने आज तक कोई भी गलत काम नहीं किया है तोह आपको बुरा लगेगा होसके तोह आपको गुस्सा भी आसकता है।
गुस्से को कैसे काबू करें ?
गुस्सा आपके अंदर आये उसके बाद गुस्से को काबू करें उससे अच्छा है की गुस्से को आने ही नहीं देना। तोह कभी अगर ऐसी परिस्थिति अजय जब आपको लगता है की अभी आपको गुस्सा ा सकता है तोह फिर आपको तेभिहि अपने दिमाग को शांत करना है और गुस्से को काबू करना है।
लेकिन अगर गुस्सा आजाये तोह उससे कैसे काबू करें ?
- सबसे पहले अगर आपको गुस्सा अत है तो 2 -3 बार जोर से सांस ले ,लीजिये जिससे आपका दिमाग शांत हो जायेगा और फेर आप जब सामने वाले को कुछ बोलेन तोह फिर सोच समझ कर बोलेन , बिना सोचें कुछ भी ना बोलेन।
- सबसे पहले तोह आप चुप रहें जल्दी से रियेक्ट ना करें फिर एक शांत कमरे मैं जाएँ जहाँ पर कोई ना हो फिर वहां पर कुछ देर जाने दें उससे आपका दिमाग भी शांत हो जायेगा और आप अभी जो भी बोलोगे सोच समझ कर बोलोगे।
- सबसे अच्छा चीज़ जो आप कर सकते हो जब आपको गुस्सा आये वो है आप कुछ देर केलिए सो जाएँ या फिर आपको गुस्सा ए तोह फिर थोड़ा रो लीजिये।
- आर आपको ज्यादा ही गुस्सा आ रहा है हो तोह आप अकेले मैं जाकर चीला सकते है या फिर कोई छोटा मोटा चीज़ जो कोई ज्यादा काम का नां हो उससे आप तोड़ सकते है।
- आप जब आपका दिमाग शांत होगया तब आप शांति से जाकर बात कर सकते हैंअभी एक्चुअल प्रॉब्लम पता चलेगा की एक्चुअल मैं हुआ क्या था . अगर सामने वाल्ला आपसे माफ़ी मागें तोफ फिर उससे माफ़ कर दीजिये।
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