overthinking से कैसे बचें ? How to avoid overthinking in hindi?

 



overthinking क्या होता है ?

आप  एक  चीज़  के  बारेमें  सोचते  रहते  हैं,  कोई  ऐसा  चीज़  जिसका  कोई  सर  पैर  नहीं  होता  है , न  उसके  ज्यादा  सोचने  से  आपको  कोई  फायदा  होता  है  इसीको  overthinking  बोलते  हैं। 


ऐसा  नहीं  है  की  सोचना  गलत  होता  है, अगर  हम  सोचेंगे  हिं  नहीं  तोफिर  हमें  और  जानवरों  मैं क्या  अंतर  रह  जायेगा। सोचना  तोह  सही  है , लेकिन  कोई  फालतू  चीज़  के   बारेमें बार  बार सोचना  तोह  गलत है। 


आज हम यहाँ पर overthinking का कारण और उसका समाधान के बारेमें जानेंगे। 



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overthinking का कारण क्या है ?

अब हम जानते हैं की overthinking का कारण क्या हैं ? कोनसी कोनसी चीज़ें जिम्मेदार होती हैं overthinking के ?


  • आज कल बच्चे से लेकर बूढ़े तक सबको overthinking का समस्या है , इसका एक बोहत बड़ा कारण यह भी है की आज कल सब stress ज्यादा लेने लगे हैं।                                                                                                                                                                                           

 तनाव को कैसे दूर करें ?

  • जो स्टूडेंट होते हैं उनको अपनी एग्जाम का टेंशन होता और वह उसके बारेमें बोहत ज्यादा सोचते रहते हैं। 

  • जिन लोगों का एग्जाम ख़तम होगया उनको रिजल्ट की टेंशन होती हैं , और अगर रिजल्ट आगया तोह फिर उनको कॉलेज एडमिशन का टेंशन होता है। 

  • आज कल हर किसीको नौकरी की समस्या होती है, इसके वजह से लोग ज्यादा तनाव मैं रहते हैं, और इधर उधर के बिचार उनके अंदर आते रहते हैं।                                                                                                                                                                                                                                      
  • कभी कभी ऐसा भी होता है  की  बिना वजह के भी हम किसी चीज़ के बारेमें सोचते रहते हैं।                                                          



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overthinking के नुक्सान क्या हैं ?

अब हम जानते हैं की overthinking के नुक्सान क्या क्या है ?


1 )देखिये overthinking से होता क्या है हम कोई particular चीज़ के बारेमें बोहत ज्यादा सोचते रहते हैं , कभी कभी ज्यादा  सोचने की वजह से हमें उस चीज़ के बारेमें बोहत गलत धारणाएं भी होने लगती हैं,  भलेही वह चीज़ असलियत मैं वैसा न हो। 


2  )कभी कभी हम ऐसी चीज़ों के बारेमें सोचते हैं जिनका हमारे बास्तबिक जीवन मैं कोई वजूद ही नहीं होता है। 


3 )हम जिंदगी मैं कभी कभी ऐसी चीज़ों के बारेमें सोचते रहते हैं जो हमारे साथ कभी हुआ हिं ना हो, हम ऐसी चीज़ों के बारेमें सोचते रहते हैं और फिर घबराते रहते हैं। 


4 )overthinking के वजह से हमारे अंदर तनाव बढ़ जाता है। 


5 )overthinking की वजह से से हमारे सरीर मैं काफी ,बीमारियां भी शुरू होजाती हैं।


6 )हमारे अंदर गुस्सा भी बढ़ जाता है , हमारा स्वभाव गुस्सैल होजाता है। 

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7 )हम कभी कभी बोहत उदास भी होजाते हैं। 



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overthinking से कैसे बचें ?

अब हमने जान लिया की overthinking होता क्या है, क्यों होता है और इसके नुक्सान क्या क्या हैं , अब हम जानेंगे की हम overthinking से कैसे बच सकते हैं। 


1 ) ध्यान (Meditation)

ध्यान या फिर मैडिटेशन सबसे कारीगर उपाय overthinking से बचने केलिए, आप रोज थोड़ी देर केलिए ध्यान कर सकते हैं। 

अगर आपसे ध्यान भी नहीं होता है तो फिर एक खली शांत जगह पर बैठ कर आप अपने मन मैं क्या चल रहा है वह सोच सकते हैं। 



2 ) exercise करें 

रोज सुबह या फिर साम को थोड़ी देर केलिए exercise करनेसे आपका मन सचमे अच्छा होजाता है.

मैं भी जब ज्यादा overthinking कर रहा था तब, थोड़ी देर केलिए exercise करनेसे आप बहार से थक जाते हैं और अंदर से हल्का महसूस करते हैं। 




3 ) ध्यान भटका ले

होता क्या है हम जब एक ही चीज़ के बारेमें बार बार सोचते रहते हैं फिर हमें कुछ और दिखाई नहीं देता है, इसीलिए यह बोहत जरुरी है की हम अपना ध्यान को किसी और चीज़ मैं केंद्रित करें। 

इसीलिए आप कुछ अलग करें जैसेकि थोड़ा बहार जाके कहीं पर टहल लीजिये, इससे आपके मन को भी अच्छा लगेगा। 




4 ) बातें करें 

चाहे कुछ भी होजाये आप किसीने किसीके साथ बातें जरूर करते रहिये, चाहे वह आपके घर वाले हों या फिर आपके दोस्त बात करते रहिये इससे आपको सेहीमे मदत मिलेगा। 



5 ) सकारात्मक सोचें 

सकारात्मक सोच होना बोहत ही ज्यादा जरुरी है, चाहे कुछ भी होजाये कभी भी नेगेटिव थॉट्स को खुदके के ऊपर हावी मत होने देना। 

हमेशा सकारात्मक सोचिये और सकारात्मक रहिये। 




6 ) लिखें 

आपके अंदर जो भी नेगेटिव  बिचार आ रहें हैं आप उनको एक पेपर मैं लिख लीजिये और फिर उन पेपर को फाड़ कर dustbin मैं  फ़ेंक डिडजिये। 



7 ) अपना goal ढूंढें 

आपको सबसे सबसे पहले आपका goal identify करना है, क्यूंकि जब आपको पता होगा की आपको जिंदगी मैं करना क्या है तब आपके अंदर नकारात्मक बिचार नहीं आएंगे। 






8 ) अपने पसंद की चीज़े करें

आप कुछ समय केलिए आपको जो पसंद है आप वो चीज़ कर सकते हैं इससे आपका ध्यान भी भटक जायेगा। 

आपका कोई पसंदिता खाना , या फिर कोई पसंदिता गाना आप वह सुन सकते हैं। 





9 ) मन को शांत रखें

ऐसे वक़्त मैं जब मन बोहत बिचलित होजाता है तब उसे शांत करना बोहत ही जरुरी है, नहीं तोह गलत बिचार मन मैं एते हिन् रहते हैं। 





10 ) संगीत सुनें 

गाना एक बोहत ही powerfull चीज़ है जिसको आप सुन सकते हैं , इससे आपका मन तुरंत अच्छा होजायेगा। 

आपका जो भीं पसंदिता गाना है आप उसको सुन सकते हैं, specially जो instrumental music या फिर bineaural beats को भी आप सुन सकते हैं। 


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तोह आसा करता हूँ कि आज का यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा , 
आपको अगर हमको कोई सुझाव देना है, या फिर आप किसी और बिसय में आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं तोह फिर आप हमे कमेंट में बता सकते हैं ।

फिर से मिलेंगे एक और आर्टिकल के साथ तबतक हमें इजादत दीजिये बाई बाई, आपका दिन शुभ हो । 👍

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