कभी कभी जो समस्या होता हैवो इतना मुश्किल होता भी नहीं है जितना हैम उसके बारेमें मन में सोच सोच कर के बना देते हैं ।
इसिलोये आप कभी कभी देखना हैम जब किसी को करनेसे पहले बोहत सोचते हैं की भाई यह चीज़ ऐसा होगा पता नहीं कैसा कैसा होगा ।
लेकिन जब करनेकी बारी आती है तब पता चलता है कि यह तोह एक्चुअल में इतना भी मुश्किल नहीं था ।
जितना हम इसे मन में सोच सोच के मुश्किल वना देते हैं । इसीलिए मैन ऊपर कहाथा की - सबसे बड़ा दीवार जिसको आपको पर करना है वो है जिसको आपने अपने मन में बनाया है ।
तोह फिर अब सवाल उठता है कि इस चीज़ का समाधान क्या है। तोह फिर चलिए वो भी दिसकस कर लेते हैं ।
आपको किसी चीज़ के बारेमें उतना हैं सोचना है जितना उसके लिए चाहिए । बिना फ़िज़ूल के चिंता करके कोई फायदा नहीं है ।
चलिए आसा करता हूँ कि आपको आजका यह टॉपिक अच्छा लगा होगा , फिर मिलेंगे किसी और दिन किसी और एक नए टॉपिक के साथ टैब तक मुझे इजदत दीजिये ।
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