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आये दिन हमारे साथ कुछ ना कुछ होता रहता है। उनमेसे कुछ ऐसे चीज़ होते हैं जिनको आप चाह कर भी नहीं बदल सकते। हर हम अक्सर उन्ही चीज़ों के बारेमें सोचते रहते हैं जिनपर हमारा कोई कण्ट्रोल नहीं है।
जिनको हम चाह कर भी टाल नहीं सकते, हम उन्ही चीज़ों को सोचते रहते हैं और टेंशन लेते रहते हैं। जबकि हम करना इसका उल्टा चाहिए।
की जिन सारी चीज़ों के ऊपर या फिर परिशतियों के ऊपर हमारा कण्ट्रोल नहीं है हमें उनका टेंशन नहीं लेना चाहिए।
समाधान
देखिये आपके साथ जो भी घटनाएं घटित हुई थी या फिर हो रही है, उनमेसे कुछ को आप चाहे तो बदल सकते हैं लेकिन कुछ को आप चाह कर के भी नहीं बदल सकते हैं।
अभी सबाल उठता है की ऐसे परिस्थिति मैं क्या करना चाहिए ?
इसका जवाब है कुछ नहीं करना है।
हाँ, जिन चीज़ों को आप कण्ट्रोल कर सकते हैं उनको आप ठीक करनेका प्रयास कर सकते हो,लेकिन जिन चीज़ों के ऊपर कोई कण्ट्रोल नहीं है मतलब आप चाह कर भी कुछ कर नहीं सकते मतलब कुछ बदल नहीं सकते हैं, उनके ऊपर आपको ज्यादा ध्यान देना हिन् नहीं है।
वह सब आपने हिसाब से धीरे धीरे ठीक होजाएंगी।
conclusion
असा करता हूँ आपको कुछ नया जरूर सिखने को मिला होगा और कुछ नया जानने को भी मिला होगा, इसी तरीकेके और भी नया चीज़ जानने केलिए हमारे साथ जुड़े रहिये।
अगर आपको किसी नए बिसय आर्टिकल चाहिए तोह फिर आप हमें निचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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