जिन्देगि बोहत बाद है दोस्तों । इस बात का एक्चुअल में क्या मतलब है आइये जानने की कोशिश करते हैं।
देखिए जिन्देगि में काफी बार ऐसे परिस्थितियां आते हैं जब हैम demotivate हो जाते है क्योंकि हैम किसी चीज़ में सफल नहीं हुए होते हैं ।
तभी हम खुदको किसी चीज़ के लायक नहीं समझते हैं, जितना दुनिया तुम्हे नहीं समझती है उतना इंसान खुदको कमजोर समझने लगता है ।
आज हम यहां पर जानेंगे कि इस चीज़ का समाधान क्या हो सकता है । देखिये जिन्देगि में हर कोई कभी न कभी फेलियर जरूर एक्सपीरियंस करते हैं ।
अब फेलियर होना तोह कोई समस्या नहीं है लेकिन जब हैम उस पर्टिकुलर चीज़ के बारेमें सोचते हैं रहते हैं तब वो कहीं न कहीं हमारे जिन्देगि में असर डालने लगता है ।
और इस फेज से बाहर निकलने में बोहत समय लग जाता है और जब हैम उससे उभर गए हिट हैं तब बोहत देर हो चुका होता है ।
और उस परिस्थिति बाहर निकलने में बोहत मेहनत लगता है । आपको लगेगा कि दुनिया मसीन सारे लोग कुछ न कुछ कर रहें है बाद आपको छोड़ के ।
इसीलिए मैंने कह रहा हूँ कि जिन्देगि बोहत बड़ी है अगर एक बार खुसी चीज़ में असफलता मिल भी गया तोह भी कोई बात नहीं ।
आप फिर से नई शुरुआत कीजिये और खुदको और बेहतर बनाइये।
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