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हम कभी कभी दुनिया को बुरा या गलत साबित करने रहते हैं। लेकिन क्या इससे हमारा कुछ भला होता है या फिर दुनिया का ?
किसी का भी अच्छा नहीं होता है बस फैलता है तोह नफरत।
तोह इसका मतलब क्या हम दुनिया को बोलना बंद करदें की हमने क्या किया है, तोह फिर करें।
खुदको इम्प्रूव करो।
आप शिवाय दूसरों बोलते रहने से अच्छा है की आप खुदको इम्प्रूव करो। अगर आप खुदको इम्प्रूव करके खुदको काबिल बना देते हो तोह फिर आज नहीं तोह कल सफल बन हिन् जाओगे।
और तब किसीको बोलने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी सबको अपने आप हिन् पता चल जायेगा।
दुनिया को बदलनेसे पहले खुदको बदलो।
अब सोचिये आपको दुनिया केलिए कुछ करना है दुनिया को बदलना आपका सपना है किसको जाकर आप बदलोगे।
दुनिया को बदलना है न , बोलिये कितनो को जाकर बदलोगे। कसिको भी नहीं बदलना है खुदको बदलना है। आप सबसे पहले ऊपर बदलाव लेई दुनिया अपने आप हिन् धीरे धीरे करके एक न एक दिन जाएगी।
conclusion
असा करता हूँ आपको कुछ नया सिखने को मिला होगा और कुछ नया जानने को मिला होगा , इसी तरीकेके और भी नया चीज़ जानने केलिए हमारे साथ जुड़े रहिये। धन्यवाद आपका दिन शुभ हो।
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