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हम कभी कभी किसी काम को ज्यादा सीरियसली नहीं लेते हैं हम कभी कभी कामों को हड़बड़ाहटों मैं करके निकल जाते हैं जैसेकि हमें बोहत जल्दी है कहीं पर जानेकी। लेकिन क्या अपने कभीभी सोचा है की हम ऐसा करते क्यों हैं ?
यहाँ पर mainly दो चीज़ें हैं जिनकी वजह से हम किसी काम को मनसे नहीं कर पाते हैं =
1 )मन।
2 )पेशेंस।
चलिए हम बारी बारी इन्हे डिसकस करते हैं,
1 )मन।
सबसे पहला चीज़ यह है की हमें उस पर्टिकुलर काम को करने का मन हिन् नहीं होता है। इसीलिए हम उसे जल्दी जल्दी मैं जैसे तैसे करके निकल जाते हैं।
2 पेशेंस।
दूसरा सबसे बड़ा फैक्टर है किसी भी चीज़ को नहीं करनेका वह है पेशेंस, क्यूंकि हमारे अंदर आज कल इतना धैर्य नहीं होता है की हम कहीं पर थोड़ा सा ठहराओ लेकर काम को कर सकें।
समाधान
अब सवाल यह उठता है की इन सब चीज़ों का समाधान क्या है, देखिये इसका समाधान बोहत ही ज्यादा आसान है अगर हमारे अंदर पेशेंस नहीं हैं तोह फिर हमें हमारे अंदर पेशेंस डेवेलोप करने होंगे।
अगर आपको किसी चीज़ मैं मन नहीं लगता है तोह फिर काम को बदल दीजिये आपको जो काम करने मैं अच्छा लगता है आप वह काम कीजिये और उसमें खुदको बेहतर बनाइये।
conclusion
असा करता हूँ आपको कुछ नया जरूर सिखने को मिला होगा और कुछ नया जानने को भी मिला होगा, इसी तरीकेके और भी नया चीज़ जानने केलिए हमारे साथ जुड़े रहिये।
अगर आपको किसी नए बिसय आर्टिकल चाहिए तोह फिर आप हमें निचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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