जैसा सोचोगे वैसा बनोगे। You will become as you think.

 

You will become as you think.


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हम अपने day-to-day लाइफ मैं जो भी एक्शन लेते हैं वह हमारे थॉट्स का हिन् असर है हम जैसा सोचते उसी तरीके से behave भी करते हैं, या फिर कहूं तोह हम जैसा सोचते हैं वैसा हिन् बन जाते हैं। 

इसीलिए अगर आपको सच मैं कोई चीज़ ठीक करना हिन् है तोह सबसे पहले अपनी थिंकिंग को ठीक कीजिए आपके एक्शन भी धीरे धीरे ठीक होजाएंगे। 


अपने थिंकिंग को कैसे ठीक करें ?

थिंकिंग  या फिर जिसे हम सोचना  कहते हैं वह हमारे दिमाग का सबसे इम्पोर्टेन्ट फंक्शन है, अगर आपके मन मैं अलग बिचार आरहें हैं इसका मतलब है आपका मस्तिष्क helathy कंडीशन मैं है। 

अब आपका आपके थिंकिंग के ऊपर कोई कण्ट्रोल नहीं है, आप चाह कर भी यह कण्ट्रोल नहीं कर सकते। आप खुदको यह नहीं बोल सकते की अभी मुझे यह नहीं सोचना है, इसीलिए अभी मेरे मन मैं यह थॉट नहीं आना चाहिए। आप चाह कर भी अपने थॉट्स को आने से नहीं रोक सकते। 

क्यूंकि आपका आपके थॉट्स के ऊपर कोई कण्ट्रोल नहीं है। तोह फिर अब क्या करें ? हमको तोह कुछ भी करके अपने थॉट्स को सुधारना है। 


अपने इन्द्रियों को सुधारो -

हम जो भी चीज़ सुनते हैं, देखते हैं और कहते हैं उसी से प्रभाबित होकर हमारे मन मैं बिचार पैदा होते हैं। इसीलिए अगर आपको कुछ ठीक करना है तोह फिर सबसे पहले अपने इन्द्रियों को ठीक कीजिये। 

कुछ भी ऐसा ना सुनिए या देखिये या फिर ,बोलिये जो की आपके काम का नहीं है। वही सब देखिये या फिर सुनिए जो की आपको खुद से सोचवाना है। यही एक तरीका है अपने सोच को सही करनेका। 

और कोई तरीका नहीं है अपने सोच को सही करनेका। आपको अपने इन्द्रियों को हिन् ठीक करना होगा। 

और हाँ लास्ट मैं इतना हिन् कहूंगा की अगर अपने खुदके मन पर विजय हासिल कर लिया तोह फिर आप खुदको जैसा चाहें वैसा बना सकते हैं। 


conclusion

असा करता हूँ आपको कुछ नया जरूर सिखने को मिला होगा और कुछ नया जानने को भी मिला होगा, इसी तरीकेके और भी नया चीज़ जानने केलिए हमारे साथ जुड़े रहिये।

अगर आपको किसी नए बिसय आर्टिकल चाहिए तोह फिर आप हमें निचे कमेंट करके बता सकते हैं। 

               धन्यवाद आपका दिन शुभ हो। 



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