sabra ka meetha hota hai :-
आज हम यहाँ पर धैर्य के बारेमें डिस्कस करने वाले हैं । हम यहन पर डिस्कस करने वाले हैं की जिंदेगी मैं धैर्य की जरुरा कितना जरूरी है ।
और हमें जिंदेगी मैं क्यूँ धैर्य रखके काम करना चाहिए ? यह सबके बारेमें आज हम यहन पर डिस्कस करने वाले हैं ।
आज के इस आर्टिक्ल मैं आपको बोहट ज्यादा सीखने को मिलेंगे इसीलिए इस आर्टिक्ल को बोहट हिन ध्यान से पढ़िये । चलिये तो फिर आज के डिस्कशन को आगे बढ़ते हैं ।
धैर्य का मतलब क्या होता है ?
धैर्य का मतलब होता है सब्र । धैर्य का मतलब होता है की आप जो भी काम कर रहें हैं उसको आप मन लगा कर फोकस के साथ कीजिये चाहे उसमें फिर आपको कितना भी वक़्त क्यूँ ना लग रहा हो ।
भालेहीन आपको रिज़ल्ट मिलने मैं कुछ वक़्त का समय लग जाए फिर भी आपको मेहनत करत्ये रहना है । क्यूंकी बिना धैर्य के जिंदेगी मैं कुछ भी हासिल नहीं होता है ।
आज हम जिंदेगी मैं धैर्य कितना जरूरी होता है उसके बारेमें भी डिस्कस करेंगे ।
जिंदेगी मैं धैर्य कितना जरूरी होता है ?
धैर्य जिंदेगी मैं बोहट हिन ज्यादा जरूरी होता है । क्यूंकी आप कितना हिन ज्यादा मेहनत कर लीजिये लेकिन जब तक आपके अंदर धैर्य नहीं होगा तब तक आपको फल नहीं मिल सकता ।
क्यूंकी अगर खाली मेहनत करनेसे अगर आपको फल मिल जाता तब तो हर कोई सक्सेसफुल होजाता । लेकिन ऐसा होता नहीं है ।
इसीलिए अगर आपको जिंदेगी मैं सफलता हासिल करना है तो फिर आपको मेहनत करने के साथ साथ जिंदेगी मैं सब्र भी रखना सीखना होगा ।
जीवन मैं सब्र कैसे रखें ?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है की जिंदेगी मैं धैर्य कैसे बनाए रखें ? क्यूंकी आज कल हमें सब कुछ जल्दी चाहिए ।
वैसे इसमें हमारा भी कोई गलती आज कल टेक्नालजी इतना ज्यादा एडवांस होगया है की हमें सब चीज़ें जल्दी पाने की आदत होगया है । और इसी वजह से हम जिंदेगी मैं जब कोई भी काम को करते हैं तब हम भी यहीं ऊमीद करते हैं की हमारे सभी काम जल्दी होजयाइन ।
लेकिन अगर आपको किसी भी चीज़ मैं सफलता चाहिए तो फिर आपको उसे टाइम देना पड़ेगा और इसीलिए जिंदेगी मैं धैर्य भी बोहट जरूरी है ।
सब्र का फल मीठा होता है ?
सब्र का फल मीठा होता है । जब आप सब्र रखके कोई भी काम करते हो और किसि भी काम को समय देकर करते हो तब यह बोहट ज्यादा चान्स बढ़ जाता है आपको उस काम मैं सफलता मिल जाए । इसीलिए अगर आपको सही मैं सफलता चाहिए तो फिर आपको उस काम को टाइम देना होगा और रोज सब्र रखके उसपर काम करना पड़ेगा । इसीलिए सब्र का फल मीठा होता है ।
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