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क्या आप जिंदगी मैं कभीभी किसीभी चीज़ मैं फ़ैल हुए हैं ? अगर ना तोह फिर कोई बात नहीं अगर आपका जवाब है हाँ तोह फिर बधाई हो।
सबसे पहले फेलियर के बारेमें डिसकस करनेसे पहले यह जानते हैं की आखिर फेलियर होता क्या है।
failure क्या है?
फेलियर का बेसिक सा मतलब यह है की आप किसी चीज़ केलिए प्रयास कर रहे थे लेकिन किसी वजह से वह हासिल नहीं हो पाया इसीको फेलियर या फिर असफलता कहते हैं।
अब सवाल उठता है की फेलियर सही है या फिर नहीं ? चलिए इस बात का भी पता लगा लेते हैं।
फेलियर अच्छा है या फिर बुरा ?
जब हम किसी चीज़ को पाने केलिए जीतोड़ मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी अंत मैं हमें असफलता मिलती है तब उस वक़्त निरसा तोह बोहत होताहै और बोहत बुरा भी लगता है।
लेकिन अगर असल मैं देखा जाये तोह फिर यह आपके लिए सही होताहै क्यूंकि जब आप किसी चीज़ मैं फ़ैल होते हो तो दो चीज़ होती हैं एक तोह आप हर मन लेते हो और कोशिस करना बंद कर देते हो और दूसरा,आप पहले से दुगना मेहनत करते हो और अपनी पूरा जी जान लगा देते हो।
और क्या पता पिछली बार ना सही लेकिन इस बार आपको सफलता मिल जाये।
असफलता हिन् सफलता का सूत्र है।
कोई भी चीज़ आपको यू हिन् नहीं मिल जाता है उसके लिए आपको पूरा घिसना पड़ता है।
जब अपने चलना भी सिखाता तब भी एक हिन् बार अमिन अपने चलना नहीं अपने भी गलतियां करि आप 100 बार गिरे लेकिन 101 बार गिर कर खड़ा जरूर होगये।
तोह फिर अब क्यों फेलियर से दर लग रहा है, वह इसीलिए क्यों की हमारे मन मैं perfection का बहुत सवार होगया है, की जो भी काम करना है उसे परफेक्ट तरीकेसे करना है नहीं तोह नहीं करना है।
हम फ़ैल होनेसे डरते हैं। लेकिन आप खुद सोचिये जब तक फ़ैल नहीं होंगे तब तक सफल कैसे बनेंगे। फेलियर आपको चीज़ों की रेस्पेक्ट करना सिखाता है, की यह चीज़ बोहत मेहनत करके मिली है इसको फालतू मैं यहाँ वहां waste नहीं करना है।
conclusion
असा करता हूँ आपको कुछ नया सिखने को मिला होगा और कुछ नया जानने को मिला होगा , इसी तरीकेके और भी नया चीज़ जानने केलिए हमारे साथ जुड़े रहिये।
अगर आपको किसी नए बिसय आर्टिकल चाहिए तोह फिर निचे कमेंट करके जरूर बताइये।
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