जिन्देगि को बस काटने केलिए मत जियो ।

जिन्देगि को बस काटने केलिए मत जियो । 


काफी बार काफी लोगों के साथ यह होता है कि लाइफ बस चल रही है और हैम बस इस लाइफ के संमदर में बहते जा रहें हैं । 

और कभी कभी ऐसा भी लगता है कि यह जिन्देगि मानो जैसे अपने आप हमें कहीं भी लेके जारही मानो जैसे हमारा इसके ऊपर कोई कंट्रोल हीं नहीं है । 

अगर आपकी जिन्देगि ऐसे जारही है जैसेकि की आपको कुछ पता हैं नहीं चल पा रहा है कि जिन्देगि मैं क्या चल रहा है। 

तोह फिर आपको कुछ बदलाव करने की जरूरत है । थोड़ा कुछ अलाव कुछ हटकर जिससे कि आपको हर दिन कुछ नया महसूस हो । हर दिन कुछ थोड़ा यादगार बनें । 

एक मशहूर कहावत तोह अपने सुनी हीं होगी कि जिन्देगि पुरी होनी चाहिए लंबी नहीं । और यह बात भी सच है कि जिन्देगि का कोई भरोसा नहीं है । 

इसीलिए जब तक भी रहो खुसीसे रहो। यही आपके भी जिन्देगि का मूल मंत्र होना चाहिए । और जो भी परिसनियाँ और दुःख राहीं है वो सब जिन्देगि का पार्ट है यार उनको बुरा मत बोलिये।  

बस आप खुदको पेहले से बेहतर बनाइये और रोज कुछ न कुछ नया सीखते रहिये।  

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