self-confidence kaise badhayen?
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self-confidence जिसका हिंदी मैं मतलब है आत्मबिस्वास। आज हम इस आर्टिकल मैं कैसे हम सेल्फ कॉन्फिडेंस को इम्प्रूव कर सकते हैं इसके बारेमें डिसकस करेंगे।
खली सिर्फ सेल्फ कॉन्फिडेंस के बारेमें हिन् नहीं वल्कि सेल्फ को प्रभाबित करने वाले क्या क्या कारक होते हैं उसके बारेमें भी डिसकस करेंगे।
आत्मविश्वास का मतलब क्या होता है?
आत्मबिस्वास का सीधासा मतलब है खुद पर भरोशा होना। आप कितने ही मेहनती और disciplined क्यों ना हो जबतक आपके अंदर आत्मबिस्वास(self-confidence), नहीं होगा आप कोई भी काम को सफलता पुर्बक नहीं कर पाओगे। इसीलिए खुदके ऊपर भरोसा होना बोहत ही जरुरी है।
आत्मबिस्वास की कमी वजह से नजाने दुनिया मैं कितने लोग अपने मंजिल को हासिल नहीं कर पाते हैं। लोग आत्मबिस्वास की कमी के वजह से घर पे छुप के रह जाते हैं , किसीके सामने बोल हीं नहीं पाते हैं की उनको जिंदगी मैं क्या करना है।
अगर आपके अंदर भी आत्मबिस्वास की कमी है तोह फिर इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़िए, आप खुदके अंदर कैसे self-confidence बढ़ा सकते हैं, आज इस आर्टिकल मैं जान पाएंगे , बस आपसे एक ही request आर्टिकल को आखिर तक पढ़िए।
आत्मविश्वास की कमी क्यों होती है?
कॉन्फिडेंस की कमी के मुख्यत यह तीन ही कारण होते हैं , आइये इन्हे बारी बारी डिसकस करते हैं।
1 )रिजेक्शन।
अपने अगर पहले कभी कोई काम शुरू किया था लेकिन आप उस काम मैं असफल हो गए थे , आपको रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था , तोह फिर उसकी वजह से आपके सेल्फ कॉन्फिडेंस को बोहत ज्यादा चोट लगा होगा।
जिससे फिर अपने दुबारा कभी कुछ नया करनेका सोचा ही नहीं।
2 )कंडीशन।
दूसरा है अगर आपकी conditioning ही बचपन से ऐसी हुई हो , अगर आपको बचपन मैं सुनने को मिला होगा की ''यह काम तुमसे नहीं होने वाला '' तोह फिर आप भी बचपन से यही मानते आये होंगे की मुझसे सिर्फ ये काम हीं नहीं , वल्कि मुझसे कोई भी नहीं होने वाला।
इसीलिए कोशिस करना ही बेकार है और अपने कभी दुबारा कुछ शुरू ही नहीं किया।
3 )बिलीफ।
सबसे बड़ा चीज़ जो आता है खुद पर बिस्वास नहीं होने मैं, वह है आपका belief system , आप खुदसे ही इतना पक्का कर लेते हो की मुझसे ये काम नहीं होने वाला।
अब जबकि आपने ही खुदको ये बोल दिया है की मुझसे ये काम नहीं होने वाला इसीलिए अब कितने ही मोटिवेशनल वीडियो क्यों ना देखलो आपके अंदर से कॉन्फिडेंस कभीभी आएगा।
आत्मविश्वास को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं समझाइए?
1 )फॅमिली एंड फ्रेंड्स
जैसेकि हमने पहले भी डिसकस किया है फॅमिली और फ्रेंड्स एक अहम फैक्टर होता है आपकी कॉन्फिडेंस का। अगर फॅमिली अच्छा हो तो तो वह आपका कॉफिडेंस बढ़ने की कोशिस करती हैं।
2 )सोसाइटी
सोसाइटी मैं आपके रिस्तेदार , गाओं के लोग या फिर सेहर के लोग , आपके पहचान वाले , अगर आपको बोलते हैं आपसे ये काम नहीं होगा तोह इसकी वजह से भी कॉन्फिडेंस कभी कभी गिर जाता है।
3 )ग्रेड एंड मार्क्स
आप अगर बचपन से पढाई मैं कमजोर हैं, या फिर आपके बोर्ड एग्जाम मैं काम नंबर अये, या फिर आपसे कोई एंट्रेंस क्लियर नहीं हुआ लेकिन आपका कोई दोस्त ने वह एंट्रेंस क्लियर कर लिया तोह उससे भी आपके कॉन्फिडेंस मैं काफी ज्यादा असर पड़ता है।
4 )इंसल्ट
आपका कभी किस वजह से अगर इंसल्ट हुआ है, तोह इससे भी इंसान काफी हद तक टूट जाता है , और बोहत कम लोग होते है जो इस इंसल्ट से उभर पाते हैं।
5 )कास्ट
ये caste का प्रथा तोह भारत देस मैं काफी सालों से चलता हुआ आता है , किसीका अगर caste lower क्लास मैं आता है तोह उनको हमेशा दबाके रखा जाता है। उनको कभी आगे बढ़ने नहीं दिया जाता है।
6 )रूरल एरिया
किसी किसी गाओं मैं , खास करकी लड़कियोकों यह बोला जाता है की तुम बहार काम या फिर पढाई करने केलिए नहीं जा सकते। उनका बचपन से ही कॉन्फिडेंस तोडा जाता है।
7 )असुरक्षा (insecurities )
अगर आपके अन्दरं किसी चीज़ का इन्सेक्युरिटीज़ है, जैसेकि अगर आपका hight कम है या फिर आप ज्यादा मोटे हैं , या फिर आपके अंदर कोई disability है तोह भी इससे आपके कॉन्फिडेंस मैं असर पड़ता है।
आत्मबिस्वास के कमी से क्या नुकसान होती हैं ?
- जिंदगी मैं आप जो चाहते हो वह कर नहीं पाओगे।
- आप किसीसे भी बात करने मैं बोहत ज्यादा शरमाओगे।
- आत्मबिस्वास की कमी की वजह से , आप हमेशा स्ट्रेस और चिंतित रहोगे।
- कुछ न कर पाने की वजह से आपके दिमाग मैं हमेशा नेगेटिव बिचार आते हैं।
हमने तो जानलिया की आत्मबिस्वास की कमी से क्या क्या नुक्सान होता है अब हम जानते की हम आत्मबिस्वास कैसे बढ़ा सकते हैं।
आत्मबिस्वास बढ़ने के 7 तरीके ?
- कभी बी फेलियर के बारेमें मत सोचिये , अपने उस फेलियर से क्या उसके ऊपर ध्यान दीजिये।
- जब भी किसीसे बात करो तो आँखों से आंखे मिलाके बात करो, और कभीभी दबी हुई आवाज़ मैं मत बोलो पूरा कॉन्फिडेंट होकर बात करो।
- किसी एक चीज़ मैं काम करो , और उस काम मैं खुदको बेहतर बनाओ।
- आपको कभी न कभी तोह किसी चीज़ मैं सक्सेस जरूर मिला होगा , जब भी खुदके अंदर कॉन्फिडेंस की कमी महसूस करो तो उन achievements को याद करो।
- अपने आप को accept करें मतलब, मतलब आप जैसेभी भी हों खुदको स्वीकार करें। आप ये सोचें की आप unique हैं , आपके जैसा दुनिआ मैं कोई नहीं है।
- हमेशा अपने भबिस्य के बारेमें सोचिये , आज अगर आपका परिस्थिति खराप है तोह उससे ना घबराएं , हमेशा पॉजिटिव रहिये।
- अपना गोल बड़ा रखिये , और कुछ भी होजाये हमेशा अपने गोआल पे फोकस कीजिये। अपने ऊपर जब भरोषा आजाये , तभी जाके सेल्फ कॉन्फिडेंस आता है।
तोह आसा करता हूँ कि आज का यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा ,
आपको अगर हमको कोई सुझाव देना है, या फिर आप किसी और बिसय में आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं तोह फिर आप हमे कमेंट में बता सकते हैं ।
फिर से मिलेंगे एक और आर्टिकल के साथ तबतक हमें इजादत दीजिये बाई बाई, आपका दिन शुभ हो । 👍
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