अपने comfort zone से कैसे बहार निकलें ? | How to get out of your comfort zone in hindi ?

 comfort zone se kaise bahar niklen ?








कम्फर्ट जोन क्या होता है ?

comfort zone उस बीमारी का नाम है जो ना की दिखाई देता है या फिर सुनाई , लेकिन फिर भी वह आपके चारो और रहती है। 

अब कम्फर्ट जोन को हम पहचाने कैसे , तो आज मैं आपको कम्फर्ट जोन के कुछ लक्ष्यण के बारेमें बताऊंगा अगर यह लक्ष्यण आपके अंदर हैं तोह फिर जान लेना आप भी कप्मफोर्ट जोन के सीकर हो गए हैं।   


लक्ष्यण =

  • आपको कभीबी कोई बड़ा काम करनेसे रोकेगा।                                                                                         
  • आप जिस भी परिस्थिति मैं अभी हैं , या फिर जिस भी हालातों पर अभी हैं आपको उन्ही हालातों पर हिन् रहने केलिए मजबूर कर देगा।                                                                                                
  • आपको action लेने से रोकेगा।                                                                                                            
  • आपको हमेशा रिस्क लेने से रोकेगा।                                                                                                 

अब तोह हमने जान लिया की कम्फर्ट जोन  को पहचाने कैसे अब हम जानते हैं की, इसके नुकसान क्या क्या हैं। 




कम्फर्ट जोन के नुकशान क्या क्या हैं ?


जैसेकि हम पहले भी बात कर चुके हैं , यह आपको कोई बड़ा desicion या फिर कोई बड़ा काम करनेसे रोकेगा। 

अब थोड़ा बोहत कम्फर्ट जोन होना तह लाजमी है , यह  सबके पास होता है। लेकिन अगर यह बुहत ज्यादा है तोह फिर यह खराप है। 

जैसे अंग्रेजी मैं एक कहावत है की ''eveything in excess is bad '' . यानि कोई भी चीज़ अगर ज्यादा होने लगे तोह फिर वह खराप है। 

कभी कभी यह पके ऊपर इतना हबी होजाता है की आपको कुछ करने हैं नहीं देता। इसीलिए वक़्त रहते इससे बहार जाना ही सबसे अच्छा। 





इससे बाहर कैसे निकलें ?

अब हम जानते हैं की इससे बहार कैसे निकलें। 


1 )रिस्क लीजिये 

चाहे छोटा ही सही मगर रिस्क लीजिये , और रिस्क लेने से कभीभी मत घबराइये। याद है आपको फेसबुक के फाउंडर ने क्या बोलथा '' आज के टाइम मैं सबसे बड़ा रिस्क है कोई रिस्क न लेना '' .

इसीलिए चाहे छोटा ही सही लेकिन रिस्क लेना जरुरी है , और ऐसा भी नहीं है की कल आपको जाके पहाड़ के आगे कूदना है। आपको calculated risk लेना है। 

जहाँ पर आपको भुई पता हो की अगर आप फ़ैल भी होजाते हो तब भी आपका ज्यादा कुछ नुक्सान नहीं होने वाला है। 

और अगर आप सक्सेस होगये तोह फिर इससे आपको आगे और रिस्क लेने केलिए मोटिवेशन मिलेगा और आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा। 



2 )नया 

कुछ नया करने की कोशिस कीजिये , यह नहीं की जो सब लोग कर रहें हैं आप भी वही कर रहें हैं। रोज़ नए नए opportunities को ढूंढ़ते रहिये , और हाँ opprtunities को ख़ालि देखते मत रहिये उनको grab करना सीखिए। 



3 )फेलियर 

अगर आपको जिंदगी मैं कुछ बड़ा करना है तोह कभीभी फ़ैल होनेसे मत डरिये गा। देखिये अगर आप कोई गेम खेलते हैं तोह फिर हर या जित आपके हातों मैं नहीं होता , आप बस खेल पर ध्यान दीजिये। 



4 )कंसिस्टेंसी 

आपको कंसिस्टेंसी मेंटेन रखना है , यह नहीं की एक दिन एक्शन लेकर दूसरे दिन सो गए। भलेही छोटा स ही एक्शन लीजिये मगर रोज लीजिए। 





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