आपने बचपन से एक चीज़ तोह जरूर हीं सुना होगा कि तू यह चीज़ नहीं कर सकता ।
और आप अकेले नहीं हैं हममेसे हर कोई को बचपन में यहीं चीज़ सुनने को मिलती थी कि बेटा तू यह चीज़ नहीं कर सकता या तुझसे यह चीज़ नहीं होगा ।
और जब हर कोई हमेह यही चीज़ बोलता है और जब यही चीज़ सुनते सुनते हैं हैम बड़े हुए होते हैं तब धीरे धीरे हैं भी यह लगने लगता है कि हैं मुझसे यह चीज़ नहीं होसकता क्योंकि इतने सारे लोग तोह झूट नहीं बोल रहे होंगे।
और यह कहीं न कहिजे उनकी भी गलती नहीं है क्योंकि उनको भी बचपन यही सुननेको मिलता था एयर फिर वो बड़े होकर वही same चीज़ रिपीट कर रहें हैं ।
तोह अब सजा समाधान क्या है इसका समाधान और कुछ नहीं है अल्को खाली अपने काम पर ध्यान है और जो जरूरी बातें हैज केबल उनको हीं सुनना है ।
और लोगों को बोल कर नहीं वल्कि रिजल्ट दिख करके चुप कराओ । बस इस चीज़ का खाली यही एक समाधान है और कुछ भी नहीं ।
लेकिन हममेसे ज्यादा तर लोग लोगों की यह बातें सुन सुन कर हीं बीच में हीं हार मानलेते हैं । लेकिन आपको हर बिल्कुल भी नहीं मनना है । आपको अपने लिए फाइट करना है ।
याद रखिये आपके लिए और यह कोई नहीं कर देने वाला ।
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