क्या रोज डर डर के जी रहे हो ! याद है ना बस एक दिन जिन्देगि । हां याद तोह गई लेकिन हम काफी बार भूल जाते हैं की हमारे पास जिन्देगि तोह एक दिन है ।
और हैम इसीलिए बागी भूल जाते हैं क्योंकि हमारा जिन्देगि का ज्यादा टार समय कंप्लेन करते हुए और दयसरों से शिकायत करते हुए गुजरता है ।
और जब तक हमें याद आता है कि हमारे पास अभी कुछ दिन समय बचे हैं तब तक बोहत देर हो चुका होता है । और याद भी हमें तभी आता है जब हैम बुढ़ापे में आजाते है ।
इसीलिए आज मैं आपको यहां पर कह रहन हुन की एक दिन जिन्देगि है जो भी करना है इसी एक जिन्देगि में हीं करना है ।
और यहां पर डरने जैसा कुछ भी नहीं है क्योंकि मरना सभी को है आप अपने आस पास जिसको भी देख रहें हैं उन सबको एक न एक दिन जाना है । तोह फिर किस बात का डर है जो अपजो सता रहा है ।
और कितना टाइम दर दर के जिओगे अभी तोह आजाद होजाओ क्यों देश तोह स्वाधीन 70 साल पहले हैं होगया था आप कब होगे।
नीचे कमेंट में लिखो की आप किस दिन आजाद होगे । आपके जवाब का इंतेजार रहेगा । रखता हूँ अपकल दिन शुभ हो ।
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