अगर आपको दूसरों को फ्री करना है तोह फिर सबसे पहले खुदको फ्री करो ।
यहीं से और एक मतलब भी निकल के आता है कि अगर आपको दूसरों की मदत करना है तोह फिर सबसे पहले खुदकी मदत करो ।
देखिये बात बिल्कुल सिधिसे है कि अगर आप खुदकुशी मदत करना चाहते हैं तोह इसका मतलब आप खुद मदत करनेके लायक होने चाहिए ।
नहीं तोह कैसे मदत कर पाओगे । और दूसरा बात यह है कि यह है कि जब आप खुद हर चीज़ केलिए दूसरों के ऊपर निर्भर रहोगे तोह फिर आप कैसे लोगों की मदत कर पाओगे । इसीलिए सबसे पहले खुदकी मदत करो ।
खुदको फ्री करो खुदको इम्प्रूव करो फिर जब आप इस काबिल बन जाओ की जब आप दयसरों की भी मदत कर पाओगे ।
पता है इंसान को को सबसे ज्यादा दुख कब होता है, इंसान को सबसे ज्यादा दुःख तब होता है जॉब इंसान जितना कर सकता है उतना नहीं कर पाता है।
इसीलिए बाकिका चीज़ बादमें लेकिन जितना आपसे होसकता है उतना तोह कीजिये बाकीके चीज़ बाद मैं देखा जायेगा।
ओर देखिये दोस्तों आपको कभीबी अपनी असफलता केलिए किसीकोभी blame नहीं करना है । आपको अपनी रिस्पांसिबिलिटी खुद लेनी सीखनी पड़ेगी । और अभिसे आप अपने जिन्देगि के desicion को खुद लेना सीखिए चाहे वो छोटे से छोटा हों याफिर बड़े से बड़ा । और इस दुनिया में दुख मनाने जैसा कुछ भी नहीं है ।
देखिये आप जबसे पैदा हुए हो और जब मरोगे खाली उसके बीच में हीं जितना है उतना आपको याद होगा उसके बाद क्या होगा क्या नहीं होगापके आगे पीछे क्या हो रहा होगा आपको कुछ पता नहीं चलेगा । ओसीलिये अगर आपको अभी तकलीफें हो रहीं हैं तोह इसका मतलब यह जान लीजिए कि आप अभिबी जिंदा हो ।
देखिये तफलिक भी उसीको हो सकता है जो जिंदा है क्योंकि मुर्दा को कभीबी तकलीफ नहीं हो सकती है। इसीलिए हमेशा postive रहिये और मेहनत करते रहिए और मजा लेते रहिये क्योंकि एक दिन जिन्देगि है । चलिए इसीके साथ आअज का यह टॉपिक को यहीं पर समाप्त करते हैं, रहता हूँ नमस्कार आपका दिन शुभ हो ।
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