सकारात्मक बिचार जिन्देगि में बोहत जरूरी है क्योंकि जब जिन्देगि मैं बोहत बुरा समय चल रहा होता है यानी जब जैसे जिन्देगि आगे बढ़नी चाहिए वैसे आगे नहीं बढ़ती है तब हमारा मन भी हमारा साथ नहीं देता ।
हमारे में हमेशा बुरे विचार मंडराते रहते हैं । और देखा जाए तोह कहीं न कहीं हमारा भी इसमें थोड़ा बोहत कॉन्ट्रिब्यूशन रहता है ।
हैम खुदको जैसे बोलते हैं हमारा मन भी हमारे साथ वैसा हैं दोहराता है । हैम खुदको जैसे बोलते हैं हमारा मन भी वैसे हैं एक्ट करता है फिर हमें भी वही सारी चीजें बताता है ।
और बाद में हैम खुदको बोल रहे होते हैं यह हमारे साथ क्या हो रहा है । हमारे मन में इतने बुरे विचार क्यों आ रहें हैं ? जबकि हमेह पता नहीं होता है कि जाने अनजाने में हमने भी इसमें थोडासा कॉन्ट्रिब्यूशन कर दिया है ।
लेकिन हैं अगर आप चाहें तोह उसको सुधार सकते हैं । अब चलिए जानते हैं कैसे । वैसे करना कुछ नहीं है अपने जैसे खुदको नेगेटिव चीजें बोलिथि अब आपको खुदको पॉजिटिव चीजें बोलनी हैं ।
और हाँ यह एक दिन दिन में नहीं होगा न हीं एक महीने में वक़्त लगेगा इस को इम्पलीमेंट होनेमकिन लेकिन तब तक केलिए कपको हार नहीं मानना है ।
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