वैसे तोह कहा जाता है कि पैसे जिन्देगि में इतने जरूरी नहीं है । और लोग अक्सर इस चीज़ को मना भी करते हैं जिन्देगि में ज्यादा पैसा पैसा होना सही नहीं होता है ।
लेकिन आज हम यहां पर डिस्कस करने वाले है कि वाकई में हमारे जिन्देगि में पैसों की कितनी इम्पोर्टेंस होनी चाहिए।
देखिये दोस्तों अगर आपको यह थोड़ा example देखे समझाऊं तोह फिर पैसा हमारे जिन्देगि में उतनी जरूरी होनी चहिते जितनी कि एक गाड़ी में पेट्रोल की जरूरत है अगर ज्यादा पेट्रोल भरेंगे तोह फिर वो बाहर निकल जायेगा और अगर काम देंगे तोह गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगा ।
वैसे हैं हमारे जिन्देगि में पैसों की इम्पोर्टेंस होनी चाहिए ना थोड़ा काम ना थोड़ा ज्यादा । अगर इस हिसाब से आप लेंगे तोह फिर आपको कभी कोई परिसनियाँ नहीं होंगी । ना ज्यादा ना कम ।
जब जिन्देगि मैं पैसे ज्यादा आजायेंगे टैब ओके अंदर लालच और घमंड बढ़ जाएगा और जब जिन्देगि मैं बिल्कुल भी पैसा नहीं होगा तब आपकी जिन्देगि आगे हैं नहीं बढ़ पाएगी ।
लेकिन प्रॉब्लम वहां आजाता है जब लोग बोलते हैं कि ज्यादा पैसा पैसा होना अछि बात नहीं होती है ।
जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं होता है अगर आपको खुदको इस दुनिया में सर्वाइव करवाना है तोह फिर आपको पैसों के बरेंमें बिल्कुल सोचना होगा । लेकिन हान उतना हैं जितना कि जरूरत है ।
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